बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदान केंद्रों पर सूची प्रदर्शित की
पटना। निर्वाचन आयोग ने विहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत प्रकाशित मतदाता सूचियों के मसौदे से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम सोमवार को सार्वजनिक किए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह घटनाक्रम उच्चतम न्यायालय के उस निर्देश की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें कहा गया था कि हटाए गए नामों का विवरण 19 अगस्त तक सार्वजनिक किया जाए और 22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की जाए ।
अधिकारियों ने वताया कि निर्वाचन आयोग मतदान केंद्रों पर ‘एएसडी’ (अनुपस्थित, स्थानांतरित और मृत) मतदाताओं के नाम प्रकाशित कर रहा है और उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार हटाए गए नामों का प्रकाशन ऑनलाइन भी किया जा सकता है। विहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के अनुसार, रोहतास, वेगूसराय, अरवल, सिवान, भोजपुर और अन्य स्थानों के मतदान केंद्रों पर एएसडी सूचियां प्रदर्शित की गई है।
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट का एनएचएआई से सवाल : घंटों जाम में फंसने पर क्यों दे टोल टैक्स
उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को 14 अगस्त को निर्देश दियाथा कि वह विहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए मसौदा मतदाता सूची से हटाये गये 65 लाख मतदाताओं का विवरण प्रकाशित करे और साथ ही उन्हें शामिल न करने के कारण भी वताए ।
विहार में निर्वाचन आयोग द्वारा एसआईआर के प्रथम चरण तहत तैयार किए गए मसौदा मतदाता सूची में 65 लाख से अधिक गणना प्रपत्र ‘शामिल नहीं’ किए गए, जिससे पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 7.9 करोड़ घटकर 7.24 करोड़ रह गई । निर्वाचन आयोग के अनुसार, पटना में सबसे अधिक 3.95 लाख गणना प्रपत्र शामिल नहीं किए गए। इसके बाद मधुबनी (3.52 लाख), पूर्वी चंपारण ( 3.16 लाख), गोपालगंज (3.10 लाख), समस्तीपुर (2.83 लाख), मुजफ्फरपुर (2.82 लाख), पूर्णिया (2.739 लाख), सारण (2.732 लाख), , सीतामढी (2.44 लाख), कटिहार (1.84 लाख), किशनगंज (1.45 लाख) है।
यह भी पढ़ें : चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक : सात दिन में हलफनामा दें या देश से माफी मांगें